भारत में आटे की पिसाई एक पारंपरिक प्रक्रिया रही है। वर्षों तक हमारे घरों और गांवों में पत्थर की चक्कियों से अनाज पीसा जाता रहा है। लेकिन समय के साथ तकनीक ने हमें एक नया विकल्प दिया – पल्वराइज़र मशीन। अब सवाल उठता है: क्या आज भी पत्थर की चक्की बेहतर है या पल्वराइज़र को अपनाना समझदारी है? आइए जानते हैं दोनों के बीच अंतर और फायदे: 🔷 1. पीसने की तकनीक में अंतर पत्थर